दादा कहेते हैं तू है दयालु बड़ा ,
नाम में तेरे है ऐसा जादू भरा |
जब किसीने तुझे है पुकारा यहाँ ,
तुम आए सदा बनके साया वहां ||
रक्षा करते रहे हो श्री संघ की तुम ||
दादाजी दादाजी दादाजी
घर मारे पधारो दादाजी
अमावस को तुम्हिने करी थी पूनम,
गूंगो को देदी बोली अंधों को नयन |
ऐसे जादू किए की सब दंग रहे गए,
जिन शाशन की जय जय कार हुई ||
सब कहेते हैं ऐसे प्रभावी हो तुम ||
दादाजी दादाजी दादाजी
मारा संकट निवारो दादाजी
चौसठ जोगणी को तुमने वश कर लिया ,
टूटी नाव को तुमने नया कर दिया |
विद्या पुस्तक को तुमने प्रगट कर दिया ,
मृत मुग़ल पुत्र को फिर जिंदा कर दिया ||
चौरासी गच्छों के महाराजा हो तुम ||
दादाजी दादाजी दादाजी
भव पर उतारो दादाजी
Wednesday 3 September 2008
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment