Wednesday 3 September 2008

दादा कहेते हैं तू है दयालु बड़ा

दादा कहेते हैं तू है दयालु बड़ा ,
नाम में तेरे है ऐसा जादू भरा |
जब किसीने तुझे है पुकारा यहाँ ,
तुम आए सदा बनके साया वहां ||
रक्षा करते रहे हो श्री संघ की तुम ||

दादाजी दादाजी दादाजी
घर मारे पधारो दादाजी

अमावस को तुम्हिने करी थी पूनम,
गूंगो को देदी बोली अंधों को नयन |
ऐसे जादू किए की सब दंग रहे गए,
जिन शाशन की जय जय कार हुई ||
सब कहेते हैं ऐसे प्रभावी हो तुम ||

दादाजी दादाजी दादाजी
मारा संकट निवारो दादाजी

चौसठ जोगणी को तुमने वश कर लिया ,
टूटी नाव को तुमने नया कर दिया |
विद्या पुस्तक को तुमने प्रगट कर दिया ,
मृत मुग़ल पुत्र को फिर जिंदा कर दिया ||
चौरासी गच्छों के महाराजा हो तुम ||

दादाजी दादाजी दादाजी
भव पर उतारो दादाजी

निहाल हो गई

तर्ज़ : निहाल हो गई

चरणों में तेरे आके कमल हो गई | -2
तेरे एक दरश से -3
ज़िन्दगी निहाल हो गई ||
निहाल हो गई निहाल हो गई
तेरे एक दरश से , ज़िन्दगी निहाल हो गई ||

रेखा ऐसी खिंची तुमने के सब अद्रश्य हो गए,
डाकू कुछ समज न पाए और वो ऐसे डर गए,
पञ्च नदी में भक्त की नाव जब डूबने लगी,
जब डूबने लगी, जब डूबने लगी ,
टूटी फूटी सि नाव भी नई हो गई |
जिन शाशन की चहु और जैजैकार हो गई ||
तेरे एक दरश से -3
ज़िन्दगी निहाल हो गई ||
निहाल हो गई निहाल हो गई
तेरे एक दरश से , ज़िन्दगी निहाल हो गई ||

बावन वीरों को तुमने वश में कर लिया,
मान अम्बड़ का तुमने चकना चूर कर दिया,
अकबर को भी अभक्ष्य तुमने छुडा दिया,
तुमने छुडा दिया, तुमने छुडा दिया,
अमावस को भी तुमने कर दी थी पूनम |
गूंगो को देदी बोली अंधों को नयन ||
तेरे एक दरश से -3
ज़िन्दगी निहाल हो गई ||
निहाल हो गई निहाल हो गई
तेरे एक दरश से , ज़िन्दगी निहाल हो गई ||

चरणों में तेरे आके कमल हो गई | -2
तेरे एक दरश से -3
ज़िन्दगी निहाल हो गई ||
निहाल हो गई निहाल हो गई
तेरे एक दरश से , ज़िन्दगी निहाल हो गई ||